वैचारिक/बौद्धिक संपन्नता व अध्यात्मिक सम्पन्नता बहुत गहरे अर्थों में एक दूसरे के पूरक हैं वैचारिक/बौद्धिक संपन्नता व अध्यात्मिक सम्पन्नता बहुत गहरे अर्थों में एक दूसरे के...
लेखक : राजगुरू द. आगरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : राजगुरू द. आगरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
हां रोहन मैं समझ सकती हूँ।अब हम साथ ही हैं तो अब हंसो । हां रोहन मैं समझ सकती हूँ।अब हम साथ ही हैं तो अब हंसो ।
गलतफहमी के हो करके शिकार, खो देते हैं विश्वास और अपनों का प्यार। गलतफहमी के हो करके शिकार, खो देते हैं विश्वास और अपनों का प्यार।
तोहे बिनती करूं ए श्याम! मेरी अरज सुनो घनश्याम! तोहे बिनती करूं ए श्याम! मेरी अरज सुनो घनश्याम!
आकांक्षा के इन विचारों का सभी बच्चों ने करतल ध्वनि से स्वागत किया। आकांक्षा के इन विचारों का सभी बच्चों ने करतल ध्वनि से स्वागत किया।